इंसान को कैसे पता चलता है की वो DEPRESSION में जा रहा है?

कुछ ही दिन पहले दिल्ली के वेलकम इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी जहां एक नाबालिग लड़के ने 18 साल के एक युवक की हत्या कर दी वो भी मात्र 350 रुपये के लिए. सबसे हैरान करने वाली बात इस घटना में ये रही की आरोपी युवक की हत्या करने दौरान डांस कर रहा था. तो सवाल ये उठता है की क्या उस नाबालिग युवक की मानसिक स्थिति सही नहीं थी. क्या अपने एग्रेशन में इंसान किसी की हत्या के बारे में कैसे सोच लेता है? किसी की हत्या करते समय क्या चलता है एक व्यक्ति के दिमाग  में? इसी पूरे मामले पर हमने मनोचिकित्सक डॉ. निशा खन्ना से बात की क्या कहना है उनका आइए आपको बताते है?

कम उम्र में लोग इतने AGGRESSIVE क्यों होते जा रहे है?

डॉ. निशा खन्ना के मुताबिक इसका सबसे पहला और बड़ा कारण स्ट्रेस या ट्रौमा होता है. इंसान तब एग्रेस्वि होता है जब उसकी बेसिक जरुरतें पूरी नहीं होती. और जब किसी इंसान की बेसिक जरुरतें पूरी नहीं होती तो उस इंसान के अलग- अलग भावनाओं को महसूस करता है. जैसे की गुस्सा, एग्रेशन, कंट्रोल ,ताकत जैसा इमोशन.ये सारे वहीं फैक्टर है जब इंसान के अंदर बढ़ते रहने से वो किसी की जान भी ले सकता है. अगर इन सब चीजों का ध्यान नहीं रखा जाए तो आगे चलकर ये दिमागी बिमारी का रुप ले सकती है.

एग्रेशन को बढ़ावा कैसे मिलता है?

डॉ. निशा खन्ना कहती है की जब किसी इंसान की इमोशनल जरुरतें पुरी नहीं होती. जब कोई कोई बचपन में किसी शोषण का शिकार हुआ हो तो वो बाते उसे ट्रिगर करती है. घर का माहौल कैसे है.  मां- बाप बच्चे के साथ कैसे व्यवहार करते है ये भी एग्रेशन को बढ़ावा देने में मदद करता है.

इंसान को कैसे पता चलता है की वो DEPRESSION में जा रहा है?

डिप्रेशन में इंसान अपने आप को होपलेस महसूस  करता है. इंसान अपनी जिंदगी की प्रोब्लम के लिए खुद को ब्लेम करता है. उसको लगता है की वो उसके साथ कुछ भी अच्छा हो नहीं रहा या हो नहीं सकता. हर बात पर रोते रहना,हर बात पर दुखी रहना. खाना ज्यादा या कम खाना. नींद कम लेना या सोते रहना. ऐसे लक्ष्ण अगर इंसान को 21 दिनों तक रहे तो वो इंसान डिप्रेशन का शिकार हो सकता है.

डिप्रेशन के कितने स्टेज होते है?

डिप्रेशन के 3 LEVEL होते है MILD,MODERATE और SEVERE.  डिप्रेशन के अलावा इंसान को मूड स्विंग होते है. ये बायपोलर हो सकता है डिप्रेशन और मेनिया. डिप्रेशन के दौर में इंसान को लगता है की वो कुछ नहीं कर सकता. मेनिया में इंसान को लगता है की वो सब कुछ कर सकता है.

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