इंदौर बना पर्यावरण-जागरूकता का मॉडल शहर

इंदौर नगर निगम ने सोमवार को ‘नो कार डे 2025’ का आयोजन किया। इस दिन गीता भवन से पलासिया तक का क्षेत्र पूरे दिन कार-फ्री जोन घोषित किया गया। नागरिकों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने निजी वाहनों का उपयोग न करके साइकिल और पैदल चलकर इस अभियान में भाग लिया।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नागरिकों से अपील की कि वे निजी वाहनों की बजाय पर्यावरण-मित्र साधनों का प्रयोग करें, जिससे प्रदूषण कम होगा और वायु गुणवत्ता सुधरेगी।

पिछले वर्षों की उपलब्धियां

महापौर ने बताया कि यह अभियान अब केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि शहर में पर्यावरण जागरूकता का मॉडल बन चुका है।

  • 2023: 80,000 लीटर ईंधन की बचत और वायु गुणवत्ता सूचकांक में 18% सुधार।
  • 2024: पेंटिंग प्रतियोगिता, मैस्कॉट लॉन्च और म्यूजिकल इवेंट्स के जरिये 1.50 लाख लीटर ईंधन की बचत और वायु गुणवत्ता में 38% सुधार।

साइक्लोथॉन और सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस वर्ष ‘नो कार डे 2025’ में सुबह पलासिया से राजवाड़ा होते हुए वापस पलासिया तक साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में नागरिक, अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

  • गीता भवन से पलासिया रोड तक लाइव पेंटिंग प्रतियोगिता
  • विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम
    इन कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का महत्व समझाया गया।

महापौर की अपील

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा:

“22 सितंबर को निजी वाहनों का प्रयोग न करें और स्वच्छ, प्रदूषण-मुक्त इंदौर बनाने के इस जन आंदोलन में शामिल हों। यह केवल सरकार का प्रयास नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।”

उन्होंने जोर दिया कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ही आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वायु और स्वस्थ भविष्य मिल सकेगा।

अधिकारियों और न्यायाधीशों की भागीदारी

इस अवसर पर शहर के प्रमुख अधिकारी और न्यायाधीश भी शामिल हुए।

  • महापौर और सहयोगियों ने साइकिल से सचिवालय से पलासिया तक यात्रा की।
  • हाई कोर्ट के जस्टिस रूसिया और अन्य न्यायाधीश भी साइकिल से अदालत पहुंचे।
  • पुलिस कमिश्नर, निगम आयुक्त और जिला कलेक्टर सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी साइकिल का उपयोग किया।

पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता

इस आयोजन का उद्देश्य केवल एक दिन के लिए वाहन-मुक्त सड़कें बनाना नहीं, बल्कि स्थायी पर्यावरण जागरूकता फैलाना है।

  • अनुमान है कि इस वर्ष से वायु गुणवत्ता में 15-20% सुधार होगा।
  • निजी वाहनों पर निर्भरता कम करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।

युवाओं और स्कूलों की भागीदारी

नगर निगम ने कई स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं को अभियान से जोड़ा।

  • बच्चों को साइक्लोथॉन और पेंटिंग प्रतियोगिता में शामिल किया गया।
  • सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया का उपयोग कर अभियान को व्यापक रूप से प्रचारित किया गया।

निष्कर्ष

‘नो कार डे 2025’ ने इंदौर को पर्यावरण-मित्र व्यवहार का अग्रणी शहर साबित किया।

  • नागरिकों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
  • प्रदूषण नियंत्रण और ईंधन की बचत
  • जागरूकता और स्वच्छता का संदेश

यह पहल इस बात का प्रमाण है कि यदि नागरिक सक्रिय रूप से जुड़ें, तो शहर में प्रदूषण और ईंधन की खपत दोनों में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं।

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