आयरन की कमी से महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर असर

आयरन डिफिशियंसी (Iron Deficiency) क्या है?
- आयरन (लोहा) एक ज़रूरी खनिज है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है।
- हीमोग्लोबिन वह प्रोटीन है जो रक्त में ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के हर हिस्से तक पहुँचाता है।
- जब आयरन की कमी होती है, तो हीमोग्लोबिन कम बनता है — जिससे एनीमिया (रक्ताल्पता) हो सकता है।
किन महिलाओं में आयरन की कमी अधिक होती है?
आयु वर्ग | कारण |
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12–19 वर्ष (किशोरियाँ) | पीरियड्स की शुरुआत से होने वाला रक्तस्राव |
20–45 वर्ष (प्रजनन आयु) | मासिक धर्म और गर्भावस्था के कारण |
गर्भवती महिलाएँ | भ्रूण और प्लेसेंटा की ज़रूरत के लिए अतिरिक्त आयरन |
स्तनपान कराने वाली महिलाएँ | दूध के माध्यम से पोषक तत्वों की अधिक खपत |
45–50 वर्ष (मेनोपॉज़ से पहले) | लंबे समय तक चलने वाले मासिक धर्म के कारण |
आयरन की कमी के कारण
- अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव
- बार-बार गर्भधारण
- आयरन युक्त भोजन की कमी
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अतिरिक्त आवश्यकता
- पाचन तंत्र की समस्याएँ (जैसे अल्सर, सीलिएक, क्रोहन डिज़ीज़)
- ऑपरेशन या चोट के बाद शरीर में खून की कमी
- बार-बार रक्तदान करना
लक्षण क्या हैं?
- हमेशा थकान और कमजोरी
- चेहरा, होंठ और नाखूनों का पीला पड़ना
- हलका काम करने पर भी सांस फूलना
- तेज़ धड़कन या घबराहट
- सिरदर्द, चक्कर आना
- बाल झड़ना, नाखूनों का टूटना
- हाथ-पैर ठंडे रहना
- एकाग्रता और याददाश्त में कमी
- बार-बार बीमार पड़ना
आयरन की कमी से संभावित खतरे
- गंभीर एनीमिया – बेहोशी, चक्कर और कमज़ोरी
- गर्भावस्था संबंधी जटिलताएँ – समय से पहले प्रसव या बच्चे का कम वज़न
- दिल की बीमारी – आयरन की कमी से हृदय पर दबाव
- मानसिक और शारीरिक विकास में रुकावट – विशेषकर किशोरियों में
रोकथाम और बचाव कैसे करें?
1. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं:
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ – पालक, मेथी, बथुआ
- दालें, चना, राजमा
- गुड़, चुकंदर, अनार, सेब, तरबूज
- मछली, अंडा, मांस (गैर-शाकाहारियों के लिए)
2. विटामिन C के साथ आयरन लें:
- नींबू, संतरा, अमरूद जैसे फल आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं।
3. भोजन के तुरंत बाद चाय-कॉफी न लें:
- इससे आयरन का अवशोषण घटता है।
4. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को:
- डॉक्टर की सलाह से आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ लेना चाहिए।
5. नियमित जांच करवाएं:
- साल में एक बार हीमोग्लोबिन टेस्ट ज़रूर करवाएँ।
6. संतुलित आहार और आराम:
सही पोषण और पर्याप्त नींद से शरीर को रिकवरी में मदद मिलती है।
Source – research by me AI help it to frame it
This article is written by Shreya Bharti, Intern at News World India

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