अब राजस्थान में हुई ED की एंट्री

जादूगर का बेटा क्या सिर्फ सियासी मोहरा ?

एक तरफ जहां राजस्थान में अगले महीने चुनाव है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के इस चुनावी सीजन में ED की एंट्री हो गई है. अब जहां एक तरफ चुनाव है तो दूसरी तरफ ED के एक्शन से कांग्रेस में नाराजगी है. ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस के नेता से लेकर कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है. दरअसल पेपर लीक मामले में ED ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक ओम प्रकाश के घर छापेमारी की. इसके साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग केस सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पूछताछ के लिए 27 अक्टूबर को बुलाया है. जैसे ही वैभव गहलोत को ED का समन मिला, पिता अशोक गहलोत गुस्से में आ गए. वैभव को FEMA के तहत समन भेजा गया है.

राजस्थान में शुरु हुआ ED का एक्शन, क्या होगा सियासी रिएक्शन?

आपको बता दें की अगस्त और सितंबर में ईडी ने ट्राइटन होटल ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसके प्रमोटर रतनकांत शर्मा और शिवकांत शर्मा है. रतनकांत शर्मा अशोक गहलोत के बेटे वैभव के बिजनेस पार्टनर भी है. जांच के दौरान ही एजेंसी को मॉरिशस होलडिंग लिमिटेड की FDI का पता चला जिसके बाद FDI को FEMA  नियमों के उल्लंघन करने के लिए संशोधित किया गया था. छापेमारी में ED को लगभग सवा एक करोड़ की नकदी सहित कई डिजिटल सबुत और जरुरी दस्तावेज भी मिले थे. इन हीं दस्तावेजों से ट्राइटन होटल ग्रुप के खाते में बड़े लेनदेन का पता चला था. इसी को लेकर जांच एजेंसी को शक है होटल में निवेश किए जाने वाले पैसे हवाला के है. 

चुनाव से पहले राजस्थान की सियासी लड़ाई,  ED बीच में आई?

जिसको लेकर वैभव गहलोत को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया है. वहीं अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को ED का समन मिलने के बाद राजनीतिक लडाई शुरु हो गई है. जहां एक तरफ कांग्रेस का कहना है की एजेंसियों का दुरुपयोग करके बीजेपी सिर्फ विपक्षी पार्टी को डराना चाहती है अगर पेपर लीक मामला तो गुजरात में भी हुआ तो फिर वहां कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और मामला जब 12 साल पूराना है तो कार्रवाई चुनाव से पहले अब क्यों हो रही है. वहीं बीजेपी का कहना है की सभी एजेंसिया स्वतंत्र रुप से अपने इनपूट के हिसाब से कार्रवाई कर रही है.

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