बाबा नानक: संत, समाज सुधारक और निडर योद्धा

बाबा नानक केवल एक ऋषि या संत नहीं थे। वे अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले एक निडर योद्धा भी थे। जब भी अत्याचार, शोषण या गलत शासन सामने आता, बाबा नानक बिना डर के विरोध करते थे—चाहे सामने मुगल बादशाह बाबर ही क्यों न हो।

गुरु पर्व के पावन अवसर पर, आइए उन प्रेरक घटनाओं को जानें जिनसे बाबा नानक ने समाज में नई दिशा और चेतना जगाई।

1. मलिक भागो का घमंड कैसे टूटा

बाबा नानक सत्य, मेहनत और ईमानदारी की कमाई को सबसे ऊपर मानते थे। इसी संदेश को समझाने के लिए उन्होंने साहूकार मलिक भागो को विनम्रता का पाठ पढ़ाया।

भाई लालो की सच्चाई

  • बाबा नानक एक तीर्थयात्रा के दौरान गरीब लेकिन ईमानदार बढ़ई भाई लालो के घर रुके।
  • लालो आर्थिक रूप से कमजोर था, पर उसकी रोज़ी-रोटी मेहनत और सच्चाई पर आधारित थी।

मलिक भागो का अमंत्रण

  • उसी गांव के अमीर साहूकार मलिक भागो ने भव्य भोज रखा और बाबा नानक को बुलाया।
  • बाबा नानक ने आने से इनकार कर दिया। इससे भागो नाराज़ हो गया।

चमत्कार जिसने सब बदल दिया

बाबा नानक ने

  • एक हाथ में भाई लालो की रोटी
  • और दूसरे हाथ में मलिक भागो की रोटी ली।

चमत्कार हुआ—

  • लालो की रोटी से दूध निकला
  • भागो की रोटी से खून

बाबा नानक बोले:
“लालो की रोटी मेहनत से कमाई हुई है, इसलिए पवित्र है। तुम लोगों पर अत्याचार करके धन इकट्ठा करते हो—इसलिए तुम्हारी रोटी खून से भरी है।”

इस दृश्य ने मलिक भागो का घमंड तोड़ दिया। उसने क्षमा मांगी और ईमानदारी से कमाई करने का वचन लिया।

2. जब बाबा नानक ने बाबर को खुली चुनौती दी

1519 में बाबर ने पंजाब पर हमला किया। लूटपाट, हिंसा और निर्दोषों की हत्या ने लोगों को दहशत में डाल दिया।

बाबा नानक उस समय सैदपुर में थे और उन्होंने यह सब अपनी आंखों से देखा।

उन्होंने निर्भीक होकर कहा:

“बाबर अत्याचारी है। निर्दोषों का नरसंहार किसी भी शासन को महान नहीं बनाता।”

उस समय कोई भी व्यक्ति—ब्राह्मण, काज़ी या आम नागरिक—बाबर के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता था। लेकिन बाबा नानक अकेले उसके सामने खड़े रहे। यही उनकी असली निडरता थी।

3. चक्की का चमत्कार जिसने बाबर को झुका दिया

बाबर के सैनिकों ने बाबा नानक को गिरफ्तार कर लिया और जेल में चक्की चलाने का काम दिया।

लेकिन कुछ ही देर में चक्की खुद चलने लगी।

सैनिकों ने यह देखकर बाबर को खबर दी। बाबर स्वयं आया, चमत्कार देखा और अपनी गलती समझ गया।

बाबा नानक की रिहाई के समय उन्होंने बाबर से कहा:

“अत्याचार से हासिल किया गया राज्य कभी स्थायी नहीं रहता।”

बाबर ने क्षमा मांगी और बाबा नानक आगे लोगों को धर्म, मानवता और सत्य का संदेश देने निकल पड़े।

बाबा नानक के संदेश की सीख

  • मेहनत की कमाई सबसे शुद्ध होती है।
  • अन्याय के खिलाफ खड़े होना ही असली धर्म है।
  • सत्य की शक्ति से सबसे बड़ा अत्याचारी भी झुक सकता है।
  • मानवता और ईमानदारी ही जीवन का वास्तविक मार्ग है।
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