बरेली में लावारिस लाशों का गोरखधंधा पकड़ा गया

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बेहद हैरान करने वाला और शर्मनाक मामला सामने आया है।
यहाँ एक पोस्टमार्टम हाउस कर्मचारी और पुलिस का सिपाही मिलकर लावारिस शवों का अवैध सौदा कर रहे थे
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो और ऑडियो के बाद मामला उजागर हुआ और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।

यह गोरखधंधा कैसे चलता था?

  • नियम है कि लावारिस लाश को 72 घंटे तक रखा जाता है ताकि कोई परिजन उसे पहचान सके।
  • अगर परिजन नहीं आते, तो पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया जाता है।

लेकिन बरेली में ये नियम सिर्फ कागजों में रह गए।
पोस्टमार्टम हाउस कर्मचारी और पुलिस सिपाही मिलकर लाशें मेडिकल कॉलेज और संस्थानों को बेचते थे
एक शव की कीमत थी ₹40,000 से ₹1.5 लाख तक।
साथ ही, कागजों में झूठा रिकॉर्ड बनाकर यह दिखा दिया जाता था कि शव का अंतिम संस्कार हो चुका है।
सरकार से मिलने वाला अंतिम संस्कार का पैसा भी हड़प लिया जाता था।

यानी एक लाश से दो बार कमाई होती थी।

वायरल वीडियो से हुआ खुलासा

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा गया कि पोस्टमार्टम हाउस कर्मचारी खुलकर डील कर रहा है।
पुलिस सिपाही भी इसमें पूरी तरह साथ देता दिखा और कहता है कि सबकुछ अफसरों के साथ क्लियर है।

इस वीडियो ने लोगों में गुस्सा भर दिया और प्रशासन की ईमानदारी पर सवाल खड़े कर दिए।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

  • एसएसपी अनुराग आर्य ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया।
  • पोस्टमार्टम हाउस कर्मचारी को CMO ने नौकरी से हटा दिया।
  • एक विशेष जांच टीम बनाई गई, जिसमें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
  • टीम पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।

मामला क्यों गंभीर है?

  • मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए सिर्फ दान किए गए शवों का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • लावारिस शवों का बेचना सीधे कानून का उल्लंघन है।
  • यह मरने वालों की इज्जत पर हमला और इंसानियत की बेइज्जती है।

बड़े सवाल खड़े हो गए

  • इतने समय तक यह गोरखधंधा कैसे चलता रहा और अधिकारियों को पता नहीं चला?
  • रोजाना पोस्टमार्टम हाउस में दर्जनों लाशें आती हैं।
  • क्या सिस्टम में बड़े अफसर भी इसमें शामिल थे?

बरेली का यह मामला सिर्फ दो लोगों की गलती नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है।
एक लावारिस शव, जिसे सम्मान से अंतिम संस्कार मिलना चाहिए था, उसे पैसे के लिए बेच दिया गया।

अब जांच टीम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी, लेकिन सवाल यह है –
क्या इंसानियत ऐसे गंदे खेल के लिए बिकती रहेगी?

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