देश की रक्षा के लिए वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किये

देश मांग रहा शाहदत का बदला

देश की रक्षा के लिए उन वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिये. दुश्मनों से लोहा लेते-लेते उन्होनें खुद को बलिदान कर दिया. दरअसल जम्मू कश्मीर के राजौरी में में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में ये जवान शहीद हो गए. इनमें दो कैप्टन भी थे. वहीं, जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने लश्कर के दो आतंकियों को भी ढेर कर दिया.  बाताया ये जा रहा है राजौरी में दरमसाल के बाजीमल इलाके में 36 घंटे चली इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर भी शामिल है. बताया जा रहा है की पाकिस्तानी आतंकी ने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद दहशत फैलाने के लिए बॉर्डर के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी. राजौरी में आतंकियों के साथ फायरिंग बुधवार को शुरू हुई थी. जिसके बाद बुधवार रात को इलाके को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग बंद कर दी गई थी. गुरुवार सुबह आतंकियों ने फिर फायरिंग की. जिसके बाद हमारे जवानों ने जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मार गिराए. मारे गए लश्कर कमांडर की पहचान कारी के तौर पर हुई है.

ये कारी था कौन ?      

कारी जो इस घटना का मास्टरमाइंड था वो दरअसल पाकिस्तानी नागरिक है इसने ट्रेनिंग पाकिस्तान और अफगानिस्तान से ली. कारी पिछले एक साल से अपने साथियों के साथ राजौरी-पुंछ में एक्टिव था, वो डांगरी और कांडी में हुए आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था. कारी IED एक्सपर्ट था. इसके साथ ही ट्रेन्ड स्निपर था और घने जंगल में छिपता था और साजिश के तहत हमले के अंजाम देता था. 

मुठभेड़ के दौरान बुधवार को चार आर्मी जवान शहीद हो गए थे जिसमें पहला नाम

कैप्टन एमवी प्रांजल
कैप्टन एमवी प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले सेना के अफसर कैप्टन प्रांजल सिर्फ 28 के थे. वो Manglore Refinery के पूर्व MD वेंकटेस के इकलौते बेटे थे.

कैप्टन शुभम गुप्ता

आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी राजौरी एनकाउंटर में शहीद हो गए. कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर जिला अदालत में है. परिवारवाले इस वर्ष शुभम की शादी की तैयारियों में थे. इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई. शुभम के शहीद होने की खबर जैसे ही सेना की ओर से शुभम के परिजनों को दी गई तो घर में शोक की लहर दौड़ गई.

हवलदार अब्दुल माजिद

जम्मू कश्मीर के राजौरी में अब्दुल माजिद भी शहीद हुए हैं. माजिद एक पैरा कमांडो थे. उनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में रहता है. माजिद की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई. माजिद की पत्नी और तीन बच्चे भी हैं. 

लांस नायक संजय बिष्ट

आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के संजय बिष्ट की शहीद हो गए. वे 19 कुमाऊं पैरा में तैनात थे. बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे. अभी उनकी अभी शादी नहीं हुई थी. संजय की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिवार में मातम पसर गया. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. संजय 2012 में सेना में भर्ती हुए थे.

सचिन लौर

इस मुठभेड़ में अलीगढ़ के जवान सचिन भी शामिल हैं. सचिन की कुछ दिन बाद ही शादी थी. सचिन के अलावा परिवार में बड़े भाई और माता पिता हैं. सचिन की शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया. सचिन के पिता किसान हैं. 

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *