जेलेंस्की ने भारत पर टैरिफ लगाने का किया समर्थन

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि जो देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, उन पर अमेरिकी टैरिफ लगाना सही कदम होगा।
यह बयान उन्होंने एक साक्षात्कार में दिया, जब उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एससीओ सम्मेलन में भागीदारी पर सवाल पूछा गया था।

अमेरिका का कड़ा रुख

  • अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है।
  • इसके पीछे मकसद उन देशों पर दबाव बनाना है, जो रूस से तेल या अन्य उत्पाद खरीदते हैं।
  • विशेष रूप से भारत का जिक्र किया गया है क्योंकि वह अभी भी रूसी तेल खरीदता है।

“हम ऐसे देशों के खिलाफ कड़ा आर्थिक कदम उठाने को तैयार हैं।” – केविन हैसेट (अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक परिषद निदेशक)

भारत की शांति की कोशिशें

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दो बार जेलेंस्की से बातचीत की।
  • उनका संदेश साफ है:
    संघर्ष का जल्द और शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है।
    भारत हर संभव तरीके से मदद करना चाहता है।
    द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूरोप के नेताओं से भी संवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने इन नेताओं से बात की:

  • यूरोपीय संघ अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन
  • यूरोपीय परिषद प्रमुख एंटोनियो कोस्टा
  • फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री आंद्रेई त्सिबिहा से बात की।
उन्होंने कहा:

“भारत चाहता है कि युद्ध जल्द खत्म हो और स्थायी शांति आए।”

हालात की गंभीरता

  • मानसून के दौरान उत्तर-पूर्वी यूरोप में हुई भीषण प्राकृतिक आपदाओं ने स्थिति और जटिल बना दी है।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ यह मानवीय संकट और बढ़ता जा रहा है।
  • अब अमेरिका नए टैरिफ और प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है।

क्या यह मददगार साबित होगा?

भारत अपने कूटनीतिक प्रयासों में लगातार सक्रिय है।
अमेरिका भी दबाव बनाने के लिए प्रतिबंध बढ़ाने को तैयार है।
वैश्विक समुदाय का मकसद है – जल्द से जल्द युद्ध खत्म हो और स्थायी शांति कायम हो।

संक्षेप में

यह एक वैश्विक समस्या बन चुकी है।
– भारत शांति बहाली में मजबूत भूमिका निभा रहा है।
– अमेरिका रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर आर्थिक कदम उठाने की तैयारी में है।
– हर कदम का उद्देश्य एक ही है – युद्ध का शीघ्र समाधान और स्थायी शांति।

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