कबाड़खानों के बढ़ते मकड़ जाल से परेशान स्थानीय

लोगों ने जल्द बड़े धरने की चेतावनी भी थी
हरिद्वार के सलेमपुर दादूपुर में प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले और भारी भरकम प्रदूषण फैलाने वाले कबाड़ खानों के बढ़ते मकड़ जाल से परेशान स्थानीय निवासी ,, जल्द बड़े धरने की चेतावनी,, प्रदूषण पर रोक नहीं लग रही तो पलायन करने लगे लोग,, आखिर रहवासीय इलाकों में कबाड़ खानों और प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले लघु उद्योगी कबाड़ खानों पर कब लगेगी रोक,, प्रशासन की कार्रवाई से नाखुश स्थानीय निवासी,, कार्रवाई को बताया ना काफी,, जिला कार्यालय पर धरने प्रदर्शन की चेतावनी,, आमजन के सेहत और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ प्रशासन हीला हवाली में क्यों अपने आप में बड़ा सवाल.
आमजन के सेहत और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
सलेमपुर दादूपुर में रहवासी इलाकों में प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले कबाड़ खानों की मनमानी के चलते रहना दुश्वार हो गया है प्लास्टिक जलाकर प्रदूषण और धुएं का अंबार देखने के बाद कुछ स्थानीय लोग सलेमपुर ,दादूपुर के आसपास की कॉलोनी से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं न्यू कहे की कुछ लोग मजबूरी में अपने घर बेचकर पलायन कर चुके हैं लेकिन जिला प्रशासन या फिर अन्य कोई विभाग रहवासी इलाकों में मकड़ जाल की तरह फैल रहे इन कबाड़ खानो पर किसी तरह की रोक लगाने में नाकाम दिखाई दे रहा है, हालांकि कई बार प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले इन लघु उद्योग कबाड़ खानों पर प्रशासन के द्वारा टीम बनाकर कार्रवाई की गई है लेकिन स्थानीय निवासियों की नजर में यह कार्रवाई नाकाफी है अब सलेमपुर दादूपुर के आसपास रहना जीवन के साथ खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले कबाड़ खानो के प्रदूषण के चलते अस्थमा और हार्ट के मरीजों के बढ़ने का खतरा भी बढऩे लगा है
दादुपुर, सलेमपुर के लोगो को वायु प्रदूषण से जूझना पड़ रहा है
हालांकि जिला प्रशासन और पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय पुलिस फोर्स ने ऐसे प्रदूषण के हालातो पर नियंत्रण लगाने के मकसद से इन कबाडखानो पर कार्रवाई करते हुए कई बार सीलिंग की कार्रवाई भी की है लेकिन यह लोग कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर से वही गोरखधंधा चलने पर उतारू हो जाते हैं प्रशासन की इस कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीण संतुष्ट नहीं है यहां तक की स्थानीय लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रशासन इन प्रदूषण फैलाने वाले कबाड़ खानों को बंद नहीं करता तो हम एक बड़ा धरना प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि अभी प्लास्टिक का गला बनाने वाले इन कबाड़ खानों से होने वाले प्रदूषण को लेकर दादुपुर व सलेमपुर काफी चर्चे में बना रहता है।
प्लास्टिक जलाकर प्रदूषण और धुएं का अंबार लगा रहे ऐसे कबाड़खानें
हालांकि कई बार जिला प्रशासन राजस्व विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ भी इन अवैध तरीके से चलने वाले कबाड़ खानों और प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले लघु उद्योगिया कबाड़ खानों पर सील लगाने की कार्रवाई भी की है,, लेकिन किस नियम कानून के तहत बाद में यह फिर से चलने लगते हैं या फिर यूं कहें कि प्रशासन के द्वारा लगाई गई सील आखिर किस नियम व कानून के तहत हटा दी जाती है यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है जिसको लेकर स्थानीय निवासी अब विरोध प्रदर्शन कर जिला प्रशासन कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी भी दे रहे हैं,, आखिर क्यों बंद नहीं होते रहवासी एरिया से यह अवैध लघु उद्योगीय रुपी कबाड़खाने,

NEWS WORLD INDIA परिवार के साथ 1 फरवरी 2021 को एंकर के तौर पर ज्वाइन किया 3 सालों मे एंकर से सिनियर एंकर तक का सफर.राजनीति से लेकर रिसर्च बेस्ड प्रोग्राम, फील्ड रिपोर्टिंग, कई महाअनुभवों के इंटरव्यू, क्षेत्रिय मुद्दे, इंटरनेशनल मुद्दों पर बात, डिबेट्स, स्पेशल प्रोग्राम, प्रोड्यूसर के तौर काम, किसान आंदोलन कवर किया, कोरोना के टाइम पर लोगों को घर अपडेट दिया. सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक की हर खबर पर नजर रखी, समाजिक सांस्कृतिक और जनता के सरोकार की हर खबर पर नजर रखी रिपोर्टिंग की.
देश के हर बड़े मुद्द पर बात करना, राजनीती मे दिलचस्पी, डांसिंग, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना, नई-नई जगहों को EXPLORE करना, पौराणिक चीजों में रुचि, इतिहास को पढ़ना, ईमानदारी से काम करन.हिन्दी, अंग्रेजी, हरियाणवी, भोजपुरी, बंगाली, पंजाबी भाषाओं की समझ. ( काम के प्रति निष्ठावान होना जरुरी है ) कर्म पर सबसे ज्यादा विश्वास है.