राहुल गांधी और महागठबंधन नेताओं की अहम बैठक

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महागठबंधन के शीर्ष नेताओं के साथ अहम बैठक की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य था सीट बंटवारे और आगामी चुनाव के लिए साझा रणनीति तय करना।

बैठक के बाद राहुल गांधी और राजद अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। इसमें दोनों नेताओं ने महागठबंधन की एकता और विपक्षी ताकत को मजबूत करने पर जोर दिया।

महागठबंधन की एकता का संदेश

यह बैठक महागठबंधन की ओर से यह स्पष्ट करने के लिए भी अहम मानी जा रही है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर विपक्ष एकजुट है
सीट बंटवारे और साझा रणनीति पर सहमति से ही बिहार चुनाव में गठबंधन की मजबूती तय होगी।

सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति

बैठक में शामिल थे:

  • कांग्रेस
  • राजद
  • वाम दल
  • विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)

सूत्रों के अनुसार, बैठक का मुख्य एजेंडा था सीट बंटवारे पर अंतिम रूपरेखा तय करना।

  • कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें चाहिए।
  • राजद अपने पारंपरिक क्षेत्रों में समझौता करने के मूड में नहीं है।

राहुल गांधी की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच ठोस सहमति बनने की संभावना जताई जा रही है।

चुनावी रणनीति और साझा अभियान

बैठक में केवल सीट बंटवारे पर ही चर्चा नहीं हुई। नेताओं ने निम्नलिखित मुद्दों पर भी विचार किया:

  • चुनावी मुद्दों और प्रचार अभियान की रूपरेखा
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की नीतियों के खिलाफ संयुक्त आंदोलन
  • व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर विपक्षी एकता को प्राथमिकता देना

राहुल गांधी ने नेताओं से अपील की कि व्यापक विपक्षी एकता ही चुनाव में निर्णायक होगी।

विपक्षी एकता पर जोर

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में कहा:

“महागठबंधन की एकजुटता ही आगामी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएगी।”

इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि सीडब्ल्यूसी के बाद महागठबंधन की दिशा और रणनीति तय हो गई है।

ऐतिहासिक संदर्भ

बैठक से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पटना में हुई।
उन्होंने याद दिलाया कि मार्च 1940 में रामगढ़ अधिवेशन में कांग्रेस कार्यसमिति ने भारतीय संविधान के निर्माण और स्वतंत्र भारत के लिए संविधान अपनाने की औपचारिक प्रतिबद्धता जताई थी।

जयराम रमेश ने कहा:

“इसी प्रस्ताव के माध्यम से पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संविधान सभा का गठन किया और स्वतंत्र भारत के लिए संविधान तैयार करने की दिशा तय की। इसके बाद की कहानी इतिहास है।”

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