कमान संभालते ही एक्शन में आए मोहन यादव

ध्वनि प्रदूषण की शिकायत पर होगी कार्रवाई
एमपी के नए सीएम मोहन यादव ने कमान संभाल ली है. कमान संभालते ही मोहन यादव सीएम योगी की तरह एक्शन मोड में नजर आ रहा है. ऐसा लग रहा है की मोहन यादव भी सीएम योगी के नक्शे कदम पर चलने को तैयार है .तभी तो कमान संभालते ही मोहन यादव ने दो बड़े फैसले लिए है. इसमें से पहला फैसला लाउडस्पीकर की आवाज पर कंट्रोल तो वहीं दूसरा फैसला खुले में मांस और अंडे की बिक्री है. दोनों ही मामले को लेकर मोहन यादव ने शपथ लेते ही नकेल कस दी है. आपको बता दें की इससे पहले सीएम योगी ने भी यूपी में लाउडस्पीकर की आवाज पर कंट्रोल साथ ही खुले में मांस बेचने को लेकर रोक लगा रखी है. इसको लेकर पूरे यूपी में समय-समय पर कार्रवाई भी की जा रही है.
नए सीएम ने आते ही लिए दो बड़े फैसले
वहीं एमपी के नए सीएम मोहन यादव ने भी धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज पर कंट्रोल साथ ही खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है. वहीं बीजेपी के विधायक मुख्यमंत्री मोहन यादव के इन दोनों फैसलों का स्वागत कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस फैसले पर सवाल उठा रही है. आपको बता दें की एमपी सरकार ने साउंड पॉलूशन की जांच को लेकर फ्लाइंग स्क्वॉड के टीम का गठन किया है. इस टीम का काम ध्वनि प्रदूषण की शिकाय़त मिलने पर तुरंत एक्शन लेते हुए कार्रवाई करने का है. इस टीम को समय-समय पर धार्मिक स्थलों का औचक निरीक्षण करने के लिए भी कहा गया है. वहीं फैसले को लेकर एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी इसकी तारीफ की है. उन्होंने ट्विटर पर एकाउंट पर ट्विट करते हुए लिखा है की मध्य प्रदेश की नव निर्वाचित सरकार के मुखिया मोहन यादव जी की कैबिनेट ने खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर सख्ती और धार्मिक स्थानों पर जोर से बजते हुए लाउडस्पीकर पर रोक से जुड़े जो दोनों फैसले लिए हैं, वो काफी सराहनीय हैं. दोनों समस्याएं सामान्य जनजीवन के लिए बहुत बड़ी परेशानी थीं, उन पर नियंत्रित प्रतिबंध लगाकर नई सरकार ने अपनी मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है, नए मुख्यमंत्री व उनकी कैबिनेट का अभिनंदन. आपको बता दें कि ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही गाइडलाइंस जारी कर रखा है.
लाउडस्पीकर पर कसा शिकंजा
नए सीएम मोहन यादव इनहीं गाइडलाइन का पालन कर रहे है. साथ ही आपको बता दें की ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर इसे चार भागों में बांटा गया है. इसके तहत इंडस्ट्रियल एरिया में दिन की ध्वनि सीमा 75 डेसिबल, रात की 70 डेसिबल होनी चाहिए. कर्मर्शियल एरिया की बात की जाए तो यहां दिन में 65 डेसिबल की सीमा रखी गई है वही रात को 55 डेसिबल की सीमा है. अब बात की जाए रिहायशी इलाके की 55 डेसिबल तो दिन की सीमा और 45 डेसिबल रात की सीमा तय की गई है. वहीं शांत एरिया में 50 डेसिबल दिन की सीमा और रात की 40 डेसिबल सीमा तय है.

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