“एक अफसर एक गाड़ी” लागू !

वाहनों की वापसी के आदेश को किया गया नजर अंदाज

उत्तराखंड में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को “एक अफसर एक गाड़ी” लागू है. लेकिन कई अधिकारियों को कई जिम्मेदारियां होने पर उतनी ही गाड़ियां आवंटित हैं. वाहनों को वापस करने के आदेश के बाद भी आठ ही अधिकारियों ने गाड़ियां वापस की हैं, जबकि अन्य अधिकारियों पर फरमान का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है ।उत्तराखंड में अफसर के लिए यूं तो समय-समय पर आदेश जारी होते रहते हैं लेकिन आदेशों का कितना पालन होता है यह शायद खुद शासन भी नहीं जानता है ऐसा इसलिए क्योंकि शासन के अधिकारी निर्देश जारी करने के बाद उनके अनुपालन को लेकर कोई सिस्टम ही नही बनाते।

राज्य संपति विभाग की तरफ से शासन स्तर पर जारी किए गए निर्देश का भी कुछ यही हाल है यहां एक अवसर एक गाड़ी की व्यवस्था बनाई जा रही है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि समय-समय पर इससे जुड़े आदेश के बाद भी निर्देशों का असर सिर्फ आठ अक्षरों तक सीमित दिखाई दिया है.

महज 8 अफसरों ने किये वाहन वापस

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत राज्य संपति विभाग से ली गई जानकारी के अनुसार शासन के आठ अधिकारियों ने ही अपने वाहन वापस किए हैं खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस संदर्भ में कई बार संदेश दे चुके हैं लेकिन राज्य संपति विभाग की तरफ से गाड़ी वापस लौटने वाले अफसर में सिर्फ आठ अफसर के नाम ही बताए गए हैं. जाहिर है कि शासन के सभी अधिकारियों के लिए जारी निर्देश के बाद भी यह तो अधिकारी गाड़ी लौट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं या फिर आदेश सिर्फ आठ अधिकारियों के लिए किए गए हैं.

लिहाजत सवाल यह उठता है कि शासन के केवल इन आठ अधिकारियों के पास ही एक से अधिक गाड़ियां थी या किसी भी हाल में अफसर ने गाड़ी वापस न लौटने की ठान ली है। वहीं विपक्ष सरकार की नाकामी से बता रही है और अफसर शाही लगातार हावी रही है बीजेपी सरकार में इस तरीके की बातें कर रही है लेकिन वहीं बीजेपी का कहना है कि खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री इसकी मॉनिटरिंग करेंगे अभी उनके संज्ञान में मामला नहीं है जैसे ही मामले की जानकारी मुख्य तक पहुंचे कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

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