उत्तराखंड राज्य गठन के 23 साल पूरे

उत्तराखंड राज्य गठन के 23 साल पूरे हो चुके हैं. इन 23 सालों में उत्तराखंड ने कई उपलब्धियां अपने नाम पर हासिल की. देश के मानचित्र पर अपनी नई पहचान स्थापित की. लेकिन कुछ काम ऐसे भी रहे जो इन 23 साल के बाद भी अधूरे हैं. पहाड़ी राज्य की मांग को लेकर उस समय इतना जुनून था कि महिलाएं, बुजुर्ग, यहां तक कि स्कूली बच्चों तक ने आंदोलन में भाग लिया. इसके बाद 9 नवंबर 2000 में एक अलग पहाड़ी राज्य बना.

कुछ काम 23 साल के बाद भी अधूरे

2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था. लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया.  पहले उत्तराखंड में बड़े उद्योगों की संख्या 100 भी नहीं थी. तिवारी सरकार के दौरान राज्यभर में हुए औद्योगिक विकास की वजह से उत्तराखंड देश के औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित हो पाया. हालांकि, तिवारी सरकार के बाद औद्योगिक विकास की रफ्तार अपेक्षित रूप से नहीं बढ़ पाई.

औद्योगिक विकास की रफ्तार अपेक्षित रूप से नहीं बढ़ पाई

शिक्षा मामले में उत्तराखंड की तस्वीर हाल में केंद्र सरकार के परफॉर्मेंस इंडेक्स से बाहर हो चुकी है लेकिन इन 23 सालों में राजनीतिक दल एक दूसरे पर आप प्रति आप आज भी करते नजर आ रहे हैं दोनों ही राजनीतिक दल बारी-बारी से सत्ता में रहे लेकिन जब भी सत्ता से हटे सत्ताधारी दल को गिरने पर लगे लेकिन उपलब्धियां के नाम पर कुछ ऐसा नहीं बता पाए जिससे यह पहाड़ी राज्य उत्तराखंड भारत के मानचित्र में कुछ अलग राज्य के तौर पर देख पाता।

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