विधानसभा सत्र को लेकर सियासत तेज

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा सत्र को लेकर सियासत गरमा गई है। दअरसल धामी कैबिनेट ने बजट सत्र गैरसैँण में ना कराकर देहरादून में कराने का फैसला लिया है। सरकार का तर्क है कि पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने सत्र गैरसैंण ना कराकर देहरादून में कराने का अनुरोध किया था. जिसके बाद सरकार ने विधायकों की मांग को मानते हुए सत्र को देहरादून में कराने का फैसला लिया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने देहरादून में इसी माह के अंत में बजट सत्र करने का फैसला लिया है। हालांकि बजट सत्र कब शुरू होगा, यह तय करने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। आपको रिपोर्ट के जरिए दिखाते हैं कि आखिर क्यों सत्र पर सियासी बवाल छिड़ा है
लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा सत्र को लेकर सियासत तेज
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा सत्र को लेकर सियासत गरमा गई है। दअरसल धामी कैबिनेट ने बजट सत्र गैरसैँण में ना कराकर देहरादून में कराने का फैसला लिया है। सरकार का तर्क है कि पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने सत्र गैरसैंण ना कराकर देहरादून में कराने का अनुरोध किया था. जिसके बाद सरकार ने विधायकों की मांग को मानते हुए सत्र को देहरादून में कराने का फैसला लिया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने देहरादून में इसी माह के अंत में बजट सत्र करने का फैसला लिया है। हालांकि बजट सत्र कब शुरू होगा, यह तय करने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। आपको बता दें कि बीते वर्ष प्रदेश सरकार ने गैरसैँण में सत्र आयोजित कर बजट पारित किया था। इस दौरान गैरसैँण की भराड़ीसैंण विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था. कि बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी में ही कराया जाएगा.इसके बाद भी सरकार ने देहरादून में सत्र कराने का फैसला लिया है। वहीं विपक्ष ने सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार विधायकों का सहारा लेकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। कांग्रेस का कहना है कि गैरसैँण का विकास कांग्रेस के ही शासनकाल में हुआ.कांग्रेस ने टैंट में भी सत्र गैरसैँण में कराया और बीजेपी ठंड का हवाला देकर गैरसैण में सत्र कराने से भाग रही है। बीजेपी ने सिर्फ गैरसैँण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर अपनी जिम्मेदारी का पूरा मान लिया है। वही मुख्यमंत्री का कहना है कि विधायकों के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है
बजट सत्र गैरसैँण में ना कराकर देहरादून में कराने का फैसला
आपको बता दें कि उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद भी गैरसैंण से भराड़ीसैंण तक कोई सरगर्मी नहीं है। हालांकि उसके अवस्थापना विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा हुई थी। लेकिन सैकड़ों करोड़ के भव्य विधानमंडल भवन और आलीशान आवासीय परिसरों के निर्माण से आगे वहां सबकुछ ठहर सा गया है। 12 महीनों में सिर्फ चंद दिनों के लिए गर्मियों की यह राजधानी तभी गुलजार दिखती है कि जब सरकार यहां सत्र कराने पहुंचती है। सरकार के जाते ही फिर लंबा सन्नाटा पसर जाता है। वहीं इस वर्ष सरकार ने बजट सत्र भी नहीं कराया
कुल मिलाकर उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा सत्र को लेकर सियासत गरमा गई है। एक तरफ जहां सरकार सत्र देहरादून में ना कराने के पीछे पक्ष विपक्ष के विधायकों का हवाला दे रही है तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार के इस फैसले पर सवाल खडे कर रहा है।

NEWS WORLD INDIA परिवार के साथ 1 फरवरी 2021 को एंकर के तौर पर ज्वाइन किया 3 सालों मे एंकर से सिनियर एंकर तक का सफर.राजनीति से लेकर रिसर्च बेस्ड प्रोग्राम, फील्ड रिपोर्टिंग, कई महाअनुभवों के इंटरव्यू, क्षेत्रिय मुद्दे, इंटरनेशनल मुद्दों पर बात, डिबेट्स, स्पेशल प्रोग्राम, प्रोड्यूसर के तौर काम, किसान आंदोलन कवर किया, कोरोना के टाइम पर लोगों को घर अपडेट दिया. सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक की हर खबर पर नजर रखी, समाजिक सांस्कृतिक और जनता के सरोकार की हर खबर पर नजर रखी रिपोर्टिंग की.
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